Dr. Alka Mukherjee / डॉ.अलका मुख़र्जी


डॉ.अलका मुखर्जी

प्रसुति शल्यक्रिया,स्त्रीरोग तज्ञ

MBBS, DGO, Obstetrician and  Gynaecologist, Colposcopist , Infertility Expert, Medico-Legal Expert

चिकित्सा जगत में डॉ अलका मुखर्जी का नाम अग्रणी स्थान पर है। मुखर्जी मल्टीस्पेशालिटी हॉस्पिटल की निदेशक,अनेक सामाजिक संस्थाओ ,चिकित्सा संस्थाओ में सक्रियता,देश-विदेश में चिकित्सा क्षेत्र की कॉन्फरेन्सेस सेमिनार में प्रमुखता से हिस्सेदारी,चिकित्सा को सेवा स्वरूप मानने वाली डॉ अलका मुखर्जी पुलिस कर्मियों तथा सेना के जवानों की चिकित्सा रियायती दर पर करती है पिछले एक दशक से नया साल पंचवटी वृध्दाश्रम में वरिष्ठ नागरिकों के बीच मनाती है। 

मारवाडी ,हिंदी, मराठी,अंग्रेजी, बंगाली भाषा अच्छी तरह से जानने वाली डा अलका मुखर्जी का जन्म कारंजा लाड में ९ अक्टूबर, १९६८ में पिता पुरुषोत्तमदास मंत्री और माता सूरज देवी के घर हुआ बचपन से कुशाग्र बुद्धि और सतत नूतन कार्यो की ललक के साथ अलकाजी ने अपना बाल्यकाल माता पिता के आदर्श पथ से अग्रसर किया अमरावती के नामांकित एडवोकेट पुरुषोत्तम दास मंत्री की सुपुत्री अलका मंत्री ने अपने पिता से समाज सेवा के पथ को अपने जीवन का लक्ष्य बनाया । अपने पिता के बारे में अलकाजी का कहना है कि सही बात का समर्थन करने की जो क्षमता आज मुझ में है, उसका श्रेय मैं अपने पिता को देती हूं।

मणिबाई गुजराती हाईस्कूल अमरावती में पांचवीं से दसवीं कक्षा तक की शिक्षा प्राप्त करने वाली अलका मंत्री १० वीं बोर्ड की परीक्षा में मेरिट में पहले स्थान पर रहीं। बृजलाल बियाणी कॉलेज अमरावती से १२  वीं परीक्षा उच्च श्रेणी में उत्तीर्ण करने वाली डॉ अलका ने १९८६ में शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय (जी.एम.सी.) से एम.बी.बी.एस. की डिग्री प्राप्त की। डॉ अलका के ज्ञानार्जन का सिलसिला यही नहीं थमता। IGGMC  NAGPUR  से DGO की उपाधि प्राप्त करने वाली डॉ अलका मुखर्जी ने सायकोलॉजी में स्नातकोत्तर की उपाधि भी अर्जित की है।

प्रसूति शल्यक्रिया तथा स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ अलका मुखर्जी ने एफ.आई.एम.सी.एच. (F I Mch) की उपाधि अर्जित करने के साथ ही सिबोंसिस पुणे से पी.जी.डी.एम एल. एस.(PG DMLS) तथा पी.जी.डी.सी.आर. (PG DCR)की उपाधि प्राप्त की ।

अलकाजी का ९ दिसंबर १९९० को जबलपुर के डॉ.अरूप मखर्जी के साथ विवाह हुआ ,डॉ अरूप मुखर्जी तथा डॉ अलका मुखर्जी की एक मात्र संतान अपूर्वा मुखर्जी ने भी अपनी मां की ही तरह चिकित्सा का क्षेत्र को ही अपना करियर बनाने का निश्चय किया है। ५ नवंबर, १९९४ को जन्मी अपूर्वा मुखर्जी ने सोमलवार कालेज से २०१० में दसवीं की परीक्षा उत्तीर्ण की। दसवीं की परीक्षा में पूरे राज्य में पहली मेरिट आई अपूर्वा मुखर्जी ने शिवाजी साइंस कॉलेज से २०१२ में १२ की परीक्षा में भी मेरिट में स्थान पाया। अपूर्वा ने २०१९ में लता मंगेशकर मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस की उपाधि अर्जित की और वर्तमान में अपूर्वा पंजाब राव मेडिकल कॉलेज, अमरावती में एम.एस. की पढ़ाई कर रही है। एम.एस. की डिग्री प्राप्त करने के बाद अपूर्वा मुखर्जी भी मुखर्जी अस्पताल में चिकित्सा सेवा का काम शुरु करेगी। डॉ अलका तथा डॉ अरूप  मुखर्जी को इस बात की बेहद खुशी है कि उनकी बेटी अपूर्वा २०२२ में मुखर्जी हास्पिटल का अहम हिस्सा बनने जा रही है। 

मुखर्जी मल्टीस्पेशालिटी हॉस्पिटल

१ अगस्त २००६ को स्थापित नागपुर शहर के भांडे ले आउट क्षेत्र में स्थित ३० बेडेड आधुनिक सर्वसुविधायुक्त मुखर्जी मल्टीस्पेशालिटी हास्पिटल सभी सुविधाएं उपलब्ध हैं, जो एक मल्टीस्पेशालिस्ट अस्पताल में होनी चाहिए। इस अस्पताल में प्रसुति व् स्त्रीरोग ,व्यंधत्व क्लिनिक ,शल्यक्रिया ,लेप्रोस्कोपी ,एंडोस्कोपी ,जनरल सर्जरी ,बालरोग ,प्याथोलॉजी व कोलपोस्कोपी जैसी सुविधाएं मुहैया करायी गई हैं।

अत्याधुनिक यंत्र के माध्यम से आपरेशन करने की व्यवस्था वाले इस अस्पताल में प्रसूती पूर्व तथा प्रसूती के बाद जांच करने की व्यवस्था का प्रबंध तो किया ही गया है, साथ ही डिलेवरी कराने की भी अच्छी व्यवस्था है। इतना ही नहीं अस्पताल में सिजेरियन आपरेशन, ट्यूमर निकालने, ट्यूबल माइक्रो सर्जरी, सरकारी मान्यता प्राप्त गर्भपात केंद्र तथा परिवार कल्याण केंद्र, प्रसूती सेवा, स्तन में आई गांठ का इलाज भी किया जाता है। गर्भ के ऊपर की थैली निकालने का उपचार भी यहां किया जाता है। अस्पताल के जनरल सर्जरी विभाग में गैस्ट्रोस्कोपी दूरबीन से पेट तथा अतड़ियों की जांच, लेप्रोस्कोपी सर्जरी, पित्ताशय, अपेंडिक्स, हार्निया का आपरेशन भी किया जाता है।

इसके अलावा थाइराइड सर्जरी, गुदा रोड, मूलव्याधि , बवासीर, भंगदर, पथरी तथा प्रोस्टेट सर्जरी, प्लास्टिक सर्जरी, स्तन कैंसर का उपचार, दूरबीन के माध्यम से जांच तथा ऑपरेशन की व्यवस्था की गई है। अस्पताल के बाल रोग विभाग में टीकाकरण केंद्र, प्री मैच्युअर बेबी केयर युनिट, नेब्युलाइजेंशन युनिट, सिकल सेल (अनीमिया) उपचार केंद्र, सर्जिकल (पेडियाट्रिक) युनिट, चाइल्ड डेवलपमेंट सेंटर, थैलेसिमिया, स्कीन केयर सेंटर, बीजीसी हर माह के 10,20 और 30 तारीख को दोपहर 1 से 3 बजे तक किया जाता है। अस्पताल में लेप्रोस्कोपी, एडोस्कोपी, पैथोलाजी तथा सोनोग्राफी विभाग भी है। इन सभी सुविधाओं के अलावा मुखर्जी मल्टीस्पेशालिटी हास्पिटल में आरामदायक बेड, अच्छे वातावरण युक्त वातानुकूलित कक्ष, जनरल वार्ड, स्पेशल वार्ड, मेडिकल स्टोर सेवा की व्यवस्था भी की गई है।

सामाजिक कार्य में सक्रियता
चिकित्सकीय सेवा के २३ वर्ष पूर्ण कर चुकी डॉ. अलका मुखर्जी  अनेक संगठनों ,संस्थाओ से जुड़ी हुई हैं, उनके सामाजिक कार्यो का दायरा भी बहुत बड़ा है। १० वर्ष से रक्षाबंधन का पर्व आम लोगों के बीच मनाने वाली डा अलका मुखर्जी ने २०१५ में उमरगांव को गोद लिया था तब से अब तक विभिन्न मौकों पर उक्त गांव में विभिन्न उपक्रम किए जाते हैं। नारी शिक्षा में प्रगति होने के बावजूद माता मृत्यु दर कम नहीं हो रहा है, उसे रोकने के लिए डा अलका मुखर्जी निरंतर प्रयासरत रहती है २०१५ - २०१६ में वीर सावरकर पुरस्कार व २०१८ में लालित्य फाउंडेशन की ओर से चिकित्सा क्षेत्र में अमूल्य योगदान के लिए सम्मानित किया गया।अल्काजी साउथ रेपिडएक्शन ग्रुप की संस्थापक व विशाखा कमेटी नागपुर की सदस्य भी हैं। 

" मुबारक हो बेटी हुई है "
डा अलका मुखर्जी ने १९९६ राष्ट्र में सर्वप्रथम "मुबारक हो बेटी हुई है" अभियान की जबरदस्त शुरुवात की आज हर वर्ष विश्व मानवाधिकार दिवस याने प्रतिवर्ष १० दिसंबर को "मुबारक हो बेटी हुई है" कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है। नागपुर के यशवंत स्टेडियम, चिटनिस पार्क समेत शहर के कई क्षेत्रों में यह आयोजन अब तक हो चुका है। इस अभियान का उद्देश्य लोगों की मानसिकता में बदलाव लाना व महिला सुरक्षा एवं नारी सशक्तिकरण है। ताकि बेटियों के प्रति आदर और सन्मान में अभिवृद्धि हो। डा.अलका मुखर्जी अपने हॉस्पिटल में बेटी के जन्म पर माता को विशेष उपहार इत्यादि से सन्मानित भी करती है। 

स्त्री अत्याचार निवारण कमेटी

स्त्री अत्याचार निवारण कमेटी में पिछले छह वर्षों से कार्य कर रही डा अलका मुखर्जी ने अपने सामाजिक कार्यों के जरिए यही संदेश फैलाया है कि लड़का और लड़की एक समान हैं। समाज के बीच यह भाव अब जाने लगा है कि लड़का लड़की में कोई भेद है। अब बेटे की तरह ही बेटी के पैदा होने पर जश्न मनाया जाता है। मुबारक हो बेटी पैदा हुई है, इस अभियान से यही बताने की कोशिश की जाती है कि बेटी पैदा होने पर परिवार के सभी लोग प्रसन्न रहे ।
माता मृत्यु दर कम करने के लिए उठाए कदम
सामाजिक जागरुकता के लिए काम करने वाली डॉ अलका मुखर्जी का मानना है कि आज भी महिलाएं अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरुक नहीं है, जब तक वे पूरी तरह से जागरूक नहीं होती, सजग नहीं होती, माता मृत्यु दर में कमी नहीं आएगी। स्कूलों तथा अन्य क्षेत्रों में आयोजित किए जाने वाले कार्यक्रमों में महिलाओं तथा बच्चों के स्वास्थ्य सुधार के प्रति जागरुक करने के उपक्रमों के माध्यम से समाज के बीच जो संदेश दिया जाता है, अगर उस ध्यान दिया जाए तो आने वाले दिनों में लोगों के स्वास्थ्य संबंधी सुधार का प्रतिशत काफी हद तक बढ़ने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता। आज की पीढ़ी के बारे में विशेष रूप से सक्रिय डा अलका मुखर्जी का कहना है कि आज की पीढ़ी के पास जानकारी तो बहुत है, लेकिन यह पीढ़ी अपने ज्ञान का सही तरह से उपयोग नहीं कर पा रही है। फास्टफुड के कारण विद्यार्थियों के स्वास्थ्य पर पड़ने वाले दुष्परिणाम के बारे में स्कूली बच्चों को जानकारी देने के लिए स्वास्थ्य शिविर के आयोजन में अलका मुखर्जी की सक्रियता ही इस बात का प्रमाण है कि वे बच्चों के स्वास्थ्य के प्रति कितनी सजग हैं। 

हर दिन व्यायाम जरूरी
आज के बच्चों का स्वास्थ्य पहले की तरह क्यों नहीं रहा, इस बारे में वे कहती हैं कि आज के बच्चे व्यायाम नहीं करते, स्कूल में खेलकूद, पीटी की कक्षाएं नहीं होती, इस कारण बच्चों की शारीरिक ऊर्जा खत्म होती जा रही है। मैगी तथा पिजा जैसे खाद्य पदार्थ बच्चों की सेहत पर प्रतिकूल प्रभाव डाल रहा है। डा अलका कहती हैं कि अगर १२ वर्ष की आयु में अगर बालिका के शरीर में १२० ग्राम हिमोग्लोबिन होगा तो माता मृत्यु दर पर रोक लगाना आसान होगा। अच्छे स्वास्थ्य के लिए पेण खजूर, चिक्की का सेवन की सलाह देने वाली डा अलका मुखर्जी का कहना है कि मोबाइल का अत्यधिक उपयोग से युवकों की चिंतन शक्ति प्रभावित हो रही है। जो लोग शरीर को स्वस्थ्य रखना चाहते हैं उन्हें हर दिन २५ मिनट व्यायाम करने की आदत डालनी ही होगी।

संघर्ष को सकारात्मक मानें
जीवन में आने वाले संघर्ष तो सकारात्मक तथा नकारात्मक दो तरह से देखने वाली डॉ अलका मुखर्जी का कहना है कि मेरे पास जब कोई मरीज इलाज के लिए आता है तो हमारी कोशिश यही होती है कि मैं उससे बातचीत करके उसके दर्द को काफी हद तक कम कर दूं। जीवन में प्रगति करने के लिए स्वयं पर फोकस करने को महत्व देने वाली डा अलका मुखर्जी की नजर मंव मुश्किल कुछ भी नहीं है, हर मुश्किल को आसान बनाया जा सकता है। डॉ. का मानना है कि किसी भी कार्य की शुरूआत आसान नहीं होती, इसीलिए जो भी काम हाथ में ले तो उसे अच्छी तरह से पूरा करने की ललक भी होनी चाहिए। किराये की जगह पर अपना अस्पताल चलाते वक्त वहां सिर्फ पांच बेड ही थे और आज अपने मालिकाना हक वाली जगह पर तीन मंजिला इमारत में सर्वसुविधायुक्त अस्पताल चलाने में भी संघर्ष करना ही पडता है। मानव का हर पल संघर्ष में ही व्यतीत हो रहा है, ऐसे में संघर्ष जो लोग सकारात्मक मानकर चलते हैं, वही अपने लक्ष्य को प्राप्त करते हैं। 

डॉक्टरों के सम्मान और सुरक्षा
डॉक्टरों पर होने वाले हमले को एक बेहद गलत परंपरा मानने वाली डॉ अलका मुखर्जी का कहना है कि हर डॉ की कोशिश यही होती है कि वह मरीज के प्राण बचाए। डॉ. किसी को बचाने की पूरी कोशिश करता है, लेकिन अगर भगवान की मर्जी न हो तो उसे डॉ .भी नहीं बचा सकता। डॉक्टरी का पेशा समाजसेवा का ही दूसरा नाम है । निरंतर प्रगति की ओर बढ़ते भारत के डॉ अन्य देशों की तुलना में ज्यादा जानकार हैं। कई भारतीय डॉक्टरों ने विदेश में जाकर भारत का नाम रौशन किया है।डॉक्टरों के सन्मान और सुरक्षा हेतु डॉ अलका मुखर्जी विभिन्न संघठनो एवं मंचो से सक्रियता के साथ जुडी है ।

Links:

Questions & Answer on Pregnancy By Dr. Alka Mukherjee ( Gynaecologist )

https://www.youtube.com/watch?v=2OdDG3LQaBg&feature=youtu.be

Complications & Care During Pregnancy -Dr. Alka Mukherjee(Gynecologist)|Take Care Health is Wealth

https://www.youtube.com/watch?v=TQZr_6oYNAc&feature=youtu.be

Article on Pregnancy by Dr. Alka Mukherjee

http://www.mukherjeehospital.com/pregnancy.html

Article on Ectopic Pregnancy  by Dr. Alka Mukherjee
http://www.mukherjeehospital.com/ectopic-pregnancy.html

Dr.Alka Mukherjee Participated in the RAP Song written by Dr. Ramesh Gandhi

https://www.youtube.com/watch?v=H-FXOREWTcg&feature=youtu.be

परिवार पति -डॉ अरूप मुखर्जी , पुत्री - डॉ अपूर्वा मुखर्जी
जन्म तिथि 09/10/1968
जन्मस्थल वाशीम
जिला नागपुर
शहर नागपुर
शैक्षिक विस्तार MBBS-GMC NAGPUR DGO-IGGMC NAGPUR FICOG-FELLOW INDIAN COLLEGE OF OBSTETRICIANS & GYNAECOLOGIST FICMCH-FELLOW INDIAN COLLEGE MATERIAL & CHILD HEALTH PGDMLS-SYMBIOSIS PUNE PGDCR-SYMBIOSIS PUNE MA-IN PSYCHOLOGY
स्कूल मणिबाई गुजराती हाईस्कूल अमरावती बृजलाल बियाणी कॉलेज अमरावती
कॉलेज Government Medical College, Nagpur Indira Gandhi Government Medical College,Nagpur
बिज़नेस / प्रोफेशन Doctor-चिकित्सक
विवाह तिथि ९ दिसंबर १९९०
श्रीमान / श्रीमती डॉ अरूप मुखर्जी
पुरस्कार / उपलब्धियां
  • Maharashtra Medical Council Accredited Speaker
  • Maharashtra Medical Council Observer 
  • Director & consultant at Mukherjee  Multispeciality Hospital Nagpur
  • Vice president IMA Nagpur (2017-2018)
  • Vice president of NOGS (2016-2017)
  • Secretary INTERNATIONAL  COUNCIL FOR HUMAN RIGHTS.
  • secretary NARCHI NAGPUR CHAPTER (2018-2020)
  • Secretary AMWN (2018-2021)
  • Vice president of NARCHI (2016-2018)
  • Secretary, NOGS, Nagpur (2013-2014)
  • Director of Mukherjee  Multispeciality Hospital
  • Life member, IMA, NOGS, NARCHI, AMWN & Menopause society, India, Indian medico-legal & ethics association(IMLEA), ISOPRB, HUMAN RIGHTS
  • Active member of The Indian Red Cross Society.
  • ON Board of Super Specialty, GMC,IGGMC, AIIMS Nagpur, NKPSIMS, ESIS and Treasury, Nagpur for “WOMEN SEXUAL HARASSMENT  COMMITTEE”
  • Chairperson and coordinator for many National and International conferences.
  • Converter for NARCHICON 2018   14TH world congress & 22nd Indian conference NARCHI.
  • Organizing secretary AMWNCON-2019
  • Organizing joint secretary ENDO-GYN 2019
  • Founder Member of south Rapid Action Group, Nagpur
  • Winner Of NOGS GOLD MEDAL-2017-18
  • Winner of BEST COUPLE AWARD in social work

Presented papers :

  • Presented papers at National 7 International conferences.
  • Published papers in Reputed Journals like FOGSI JOURNAL-JOGI, FOGSI FOCUS, JIMELA, ISOPRB, AND JEMDS
  • Best paper presentation at WORLD CONGRESS-NARCHICON 2018 on SCHOOL HEALTH
वर्ग चिकित्सा
Appreciation
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