डॉ.नीलेश अग्रवाल
न्यूरो सर्जन
M.B.B.S. M.S. General Surgery, M.Ch. Neurosurgery
चिकित्सा क्षेत्र में अल्प समय में निरन्तर नए आयाम प्रतिस्थापित कर डॉ.निलेश अग्रवाल ने विदर्भ को गौरवान्वित किया है।
उच्च मानदंड,न्यूनतम मूल्य पर बेहतर स्वास्थ्य सेवा के लिए संकल्पित डॉ. निलेश अग्रवाल का जन्म ३१ मार्च १९७५ को अमरावती जिले के धामणगांव मे हुआ। पिता राधेश्याम अग्रवाल और माता पुष्पलताजी अग्रवाल की तीन सन्तानो में मझोले पुत्र,कहते है पूत के पांव पालने में बचपन से मेधावी निलेश जी की १० वी तक की स्कुली शिक्षा मॉडर्न स्कूल अमरावती मे हूई, जो अब राजीव गांधी नवोदय स्कूल के नाम से जानी जाती है उस समय स्कुल मे रेसिडेंशील पैकेज था, छठी से दसवी तक के छात्र होस्टल मे रहते थे । सालभर से सभी छात्रों को मात्र दस दिन की छुट्टी क्रिसमस मे मिलती थी।सभी छात्र-छात्राएं रक्षाबंधन दिवाली जैसे त्यौहार एक साथ मनाते थे,उस समय एक बैच ८० छात्र-छात्राओं की रहती है। पूरे देश में पहले मात्र २ नवोदय विद्यालय थे आज ५८४ नवोदय विद्यालय है जिसमे करीब २ लाख छात्र अध्यनरत है। इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज (IGGMC)में अध्ययन पूर्ण करने के बाद प्रतिवर्ष निलेश जी प्रावीण्य सूचि में रहे। राजनीति मे दिलचसपी के चलते छात्र संघटन के अध्यक्ष पद पर निलेश जी निर्वाचित हुए। उन्होंने कॉलेज के वार्षिक उत्सव का सफलतापूर्वक संयोजन किया,कॉलेज की ओर से प्रकाशित वार्षिक पत्रिका का संपादक बनने का अवसर भी प्राप्त हुआ।
निलेशजी ने यह सब करते वक्त व्यक्तिगत,सामाजिक जीवन एवं अध्ययन का संतुलन बखूबी बनाये रखा। साथ ही एम.बी.बी.एस.(M.B.B.S.)मे प्राविण्य सूचि में स्थान प्राप्त किया. एम.एस.(M.S.)की उपाधि नागपुर शासकीय मेडिकल कॉलेज(G.M.C.)से प्राप्त कि। MBBS के बाद निलेश जी ने UPSC का मन बनया,परन्तु माता पिता की इच्छा थी की निलेश सर्जन बने,माता पिता की इच्छा को सन्मान देते हुए निलेश जी ने चिकित्सा क्षेत्र को जीवन लक्ष्य बनाया।परिवार की आर्थिक परिस्थिति विपरीत थी,पिताश्री के संघर्ष से उनकी शिक्षा पूर्ण हुई। निलेश जी मानते है की आज जो कुछ भी है माता-पिता के आशीर्वाद से ही है। महत्वकांशी डॉ.निलेश अग्रवाल ने अध्ययन उपरांत अपने ३ चिकित्सक मित्रो के साथ पुर्व नागपुर मे हॉस्पीटल बनाने का मानस बनाया,कुछ लोगो ने कहा की पुर्व नागपुर मे कोई चीज सफल नही होती हमने बहुत बडी रिस्क ली और पुर्व नागपुर मे हॉस्पीटल प्रारम्भ किया।
डॉ. निलेश अग्रवाल ने बतया की हमारे माता-पिता ने शिक्षा का महत्व और रिस्क लेने का साहस हमारे अंदर तक डाला था,सो आगे बढ़े लकड़गंज क्वेटा कॉलोनी में जून २०१६ में न्यू एरा हॉस्पीटल स्थापित हुआ बाद में कभी पीछे मुड़ कर नहीं देखा,नागपुर मे किडनी प्रत्यारोपण के अलावा कुछ नही होता था । हम लीवर और हार्ट के बारे में भी सोच रहे थे लेकिन कुछ लोगो का कहना था मरीज उतना भुगतान नही करायेंगे.लीवर ट्रांसप्लांट के मरीज को चेन्नई भेजा जाता था लेकिन डॉ. निलेश अग्रवाल ने अपने सहयोगियों के साथ कड़ी मेहनत की,और आज न्यू एरा हॉस्पीटल ग्लोबल मैप पर है जहां किडनी,लीवर प्रत्यारोपण(ट्रांसप्लांट) १०० प्रतिशत समाधान से पूर्ण हो रहे है ।
बेहतर प्रबंधन,चिकित्सा के उच्च मानदंड के चलते न्यू एरा हॉस्पीटल को हृदय प्रत्यारोपण की मंजुरी मिली है. हृदय प्रत्यारोपण के लिये विदर्भ मे कोई हॉस्पीटल नही है लीवर प्रत्यारोपण के लिये भी विदर्भ मे हॉस्पीटल नही था. आज न्यू एरा हॉस्पीटल विदर्भ मे एक मात्र हॉस्पीटल है। डॉ. निलेश अग्रवाल का मानना है की रात को सोते समय यह लगना चाहियें की हम ने सब काम सही किया है,हमें स्वयं को अपने कार्यो का समाधान होना चाहिये तो ही हम सफलता के नए आयाम को छू सकते है १ जुन २०१६ को तन्ना हॉस्पीटल को टेक ओवर किया एक से सवा साल के बाद नए-नए एडिशन किये २०१८ मे लीवर प्रत्यारोपण की मंजुरी मिली. अप्रैल २०१८ मे पहला लीवर प्रत्यारोपण हुआ अब तक १० लीवर प्रत्यारोपण के साथ १ किडनी प्रत्यारोपण सफलता से पूर्ण भी हुआ है। डॉ.निलेश अग्रवाल को पढना,क्रिकेट खेलना और राजनीति से विशेष लगाव है। एम. बी.बी.एस.(MBBS),MS(Gen Surgery) Mch(Neuro Surgery)किया है न्यु ईरा हॉस्पीटल के संचालक,वरिष्ठ न्युरो सर्जन है.IGGMC से बेस्ट स्टुडंट का पुरस्कार,जवाहर नवोदय विद्यालय से बेस्ट स्टुडंट का पुरस्कार प्राप्त हुआ है। प्रेरणा स्त्रोत,आदर्श व्यक्ति के रुप मे माता-पिता आर.एन.भट्टाचार्य,प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, पुर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी को मानते है। डॉ. निलेश अग्रवाल ९ दिसंबर २००१ को डॉ. प्राची अग्रवाल से विवाह सूत्र में बंधे।
चिकित्सा क्षेत्र में वर्तमान परिस्थितियों पर डॉ. निलेश अग्रवाल का कहना है गरीब मरीजों को सरकार की ओर से जो पैकेज मिलते है वह बहुत कम राशी के दिये जाते है. सरकारी हॉस्पीटल अपग्रेड होना चाहिए आयुष्यमान भारत ,राजीव गांधी आरोग्यदायी योजना मे पैकेज मे राशी बढ़ायी जानी चाहिए वर्तमान राशि में अच्छे दर्जे की सेवा देना संभव नही है।
स्वस्थ सेवा की प्रति नजरिया बदलना होगा हम बीमार होने के पहले नहीं सोचते सभी बीमार होने के बाद ही सोचते है.यह धारणा बदलनी होगी जैसे स्वच्छता अभियान,इन्शुरन्स की जानकारी होना चाहिये। मेडिकल इन्शुरन्स क्या कवर होगा ? उसकी उपयोगिता क्या होगी ? स्वच्छता,अपने बॉडी का फिटनेस,बीमारी कैसे कवर होती है ? इसमे ध्यान देना जरुरी है । आज कल लडकी होते ही माता-पिता उसके शादी के लिए थोडी थोडी बचत करते है पर यह नही सोचते बीमार हुए तो आगे क्या होगा ,मेडिकल इन्शुरन्स किया तो पाच लाख से दस लाख तक कवर होता है। आकस्मिक आई हुई सभी बीमारी कवर होती है.१००० रु से इन्शुरन्स शुरु होता है,क्यो नही करते हम इन्शुरन्स ? सभी ने पैसे बचाकर मेडिकल इन्शुरन्स करना चाहिये हमें हमारे परिवार का इन्शुरन्स करना चाहिये।
विभिन्न माध्यम से मरीजों को राहत न्यु इरा हॉस्पीटल मे मुख्यमंत्री फंड,आरोग्य जीवनदायी योजना से हर माह लगभग २५ केसेस आते है जिसमे हार्ट,ब्रेन,पैरालिसीस,हेड इन्जुरी कैंसर के मरीज है।हम कुछ स्वयंसेवी संस्था की भी मदद लेते है,कुछ रिश्तेदारो,मित्रों के माध्यम से हम सेवा का कार्य करते है,ऐसे मरीज आये तो हम सेवा के तत्पर रहते है। सामाजिक उदारता का परिचय देते हुए हल ही में हमने एक मरीज को ३ से ४ लाख रु.का डिस्काऊंट भी लीवर प्रत्यारोपण के लिये दिया है। स्वास्थ सेवा जगत मे डॉ.निलेश अग्रवाल ने भी सामाजिक सरोकार निभाते हूए अपना नाम विदर्भ मे प्रतिष्ठापित किया।विदर्भ के इस पुत्र ने सामान्य परिस्थिती से आगे आकर अपने परिवार माता-पिता और और विदर्भ का नाम उँचा किया है। मरीज को सहानुभूति पूर्वक योग्य मार्गदर्शन एवं सेवा देने का संकल्प इनको अन्य से अलग करता है ।