Mahesh chandra Gupta / महेशचंद्र गुप्ता


अधिवक्ता महेशचंद्र गुप्ता

राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ में वर्षो तक सक्रिय भूमिका

डिस्ट्रिक्ट बार एसोसिएशन,अखिल भारतीय ओमर उमर वैश्य महासभा,

नाग. विदर्भ चेम्बर ऑफ़ कॉमर्स, फेडरेशन ऑफ़ चेम्बर ऑफ़ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज,

इत्यादि अनेक संस्थाओ से सम्बद्ध,अधिवक्ता वक्ता के रूप में ५७ वर्षो का दीर्घ अनुभव

महेशचंद्र गुप्ता अधिवक्ता के रूप में ५७ वर्षो के दीर्घ अनुभव के साथ आज भी ८३ वर्ष की उम्र में भी वकालत कर रहे है ,जीवन के अनेक उतार चढ़ाव को सहजता ,धैर्य और समाज के लिए कुछ कर गुजरने के जोश के साथ उन्होंने अनेक संगठनो, सामाजिक संस्थाओ ,में अपनी सक्रिय भूमिका दर्ज की है .आज उनकी तीन पीढ़िया साथ-साथ वकालत कर रही है . 

अधिवक्ता वक्ता महेशचंद्र गुप्ता का जन्म कामठी में ११ जून १९३६ में हुआ .उनके पिता स्व. श्री नारायणजी गुप्ता, चाचाजी शिवनारायण गुप्ता कृषक व व्यवसायी थे .अधिवक्ता वक्ता महेशचंद्र गुप्ता ने कामठी के लोहिया हाईस्कूल में अपनी शिक्षा पूर्ण की .उसके बाद उन्होंने कानपुरके DAV कॉलेज से इंटर तक की शिक्षा ग्रहण की .कानपुर से इंटर तक की शिक्षा ग्रहण करने के बाद नागपुर आकर बी.कॉम., एल. एल. बी. तक की शिक्षा प्राप्त की १० जुलाई १९५६ को अधिवक्ता. महेशचंद्र गुप्ता का विवाह सरला गुप्ता के साथ हुआ.

बचपन से ही महेशचंद्र गुप्ता राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की शाखा से जुड़े रहे साथ ही पिताश्री नारायणजी गुप्ता कामठी में खेती व्यवसाय से भी जुड़े रहे .चाचाजी शिवनारायणजी गुप्ता कामठी में संघ चालक थे .वकालत आरंभ करते समय अधिवक्ता महेशचंद्र गुप्ता का परिचय पं. बच्छराज व्यास से हुआ .पं. बच्छराज व्यास विधानसभा में विरोधी पक्ष के नेता और सुप्रीमकोर्ट के जाने माने वकील भी थे .महेशचंद्र गुप्ता वर्ष १९६२ से वकालत का पेशा शुरू किया और पं. बच्छराज व्यास के साथ सहयोगी बन कार्य प्रारम्भ किया .इससे पूर्व महेशचंद्र गुप्ता संघ के प्रथम वर्ग की ओटीसी में भी रहे. उस समय राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ संस्थापक गोलवलकर गुरुजी से भी उनका घनिष्ठ संबंध रहा .पं. बच्छराज व्यास और प. पु. गोलवलकर गुरूजी के मृत्यु पर्यंत अधिवक्ता महेशचंद्र गुप्ता को उनका सानिध्य और मार्गदर्शन मिलता रहा और आज भी वे उन्हें अपना प्रेरणा स्त्रोत मानते है.१९६२ से १९७३ तक पं. बच्छराज व्यास के सहयोगी के रूप में दीनदयाल उपाध्याय, नानाजी शास्त्री, जगन्नाथराव जोशी, पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के साथ कार्य करने का अवसर मिला .

आगे चलकर उन्हें संघ के मानवाधिकार समिति में उपाध्यक्ष का कार्यभार प्राप्त हुआ .१९७८-१९८१ तक दो बार डिस्ट्रिक्ट बार एसोसिएशन नागपुर के उपाध्यक्ष भी रहे .१९८४ में महेशचंद्र गुप्ता ने नाग विदर्भ चेंबर ऑफ़ कॉमर्स द्वारा जारी  चुंगी दरों की वृद्धि विरोध आंदोलन में सक्रियता से हिस्सा लिया. वर्ष १९९१ से १९९४ तक डिस्ट्रिक्ट बार एसोसिएशन नागपुर के बतौर अध्यक्ष रहे . १९८६ से १९९७ तक अखिल भारतीय वैश्य महासभा कानपुर के अध्यक्ष पद पर सुशोभित रहे .वर्ष २००६ मे समाज की और से उन्हें स्वजातीय रत्न की उपाधि से अलंकृत किया गया. .साथ ही इंस्टिट्यूट ऑफ़ एग्रीकल्चरल फॉर नॉर्थन प्लेन लखनऊ में बतौर सदस्य के रूप में उन्हें एग्रीकल्चरल मिनिस्टर बलराम जाखड़ ने नॉन ऑफिसियल मेंबर के लिए नामांकित किया .नाग. विदर्भ चेम्बर ऑफ़ कॉमर्स के सचिव के रूप में पदासीन रहे .डायरेक्टर जनरल, सप्लायर &डिस्पोजल वेस्टर ज़ोन, मुंबई तथा फेडरेशन ऑफ़ चेम्बर ऑफ़ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज नई दिल्ली के टेक्सेशन (Taxation )समिति में ३ वर्ष तक रहे .

१९७७ में  इमरजेंसी  के दौरान सक्रिय भूमिका

वकालत के अतिरिक्त उनके मन में हमेशा सेवा का भाव जाग्रत था वे अधिवक्ता रूप में पं. बच्छराज व्यास के साथ सहयोगी रूप में कार्य करने को वे अपने जीवन का सबसे बड़ा सौभाग्य मानते है .समय के साथ राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ में उनकी सक्रियता बढ़ने लगी रज्जु भैया ,बालासाहेब देवरस से भी उनके निकट संबंध स्थापित हो गए १९७७ में इमरजेंसी के दौरान संघ के महत्वपूर्ण कार्य करने की जिम्मेदारी उन्हें दी गई ,जो उन्होंने बखूबी निभाई .२००६ से २०१८ तक मानवाधिकार कमेटी मुंबई में महेश गुप्ताजी को अध्यक्ष के बतौर कार्यरत रहने का मौका मिला .

अनेक संस्थाओं से जुड़े

पं. बच्छराज व्यास के रहते हुए उनका संपर्क पं. दीनदयाल उपाध्याय पूर्व प्रधानमंत्री अटलबिहारी बाजपेयी, जगन्नाथ जोशी, गोलवलकर गुरूजी, बालासाहेब देवरस आदि से भी रहा .पं. बच्छराज व्यास के विधानसभा कार्यो को करने का अवसर भी उन्हें मिला . नागपुर के नाग विदर्भ चेंबर ऑफ़ कॉमर्स, किराना मर्चेंट एसोसिएशन,ऑइल एंड सीड्स मर्चेंट एसोसिएशन, यार्न मर्चेंट्स एसोसिएशन, के वैधानिक सलाहकार के रूप में भी काम करने का अवसर मिला .

गुरुदक्षिणा-जरुरत मंद, गरीबों को न्यायिक सहायता

अपने गुरु पं. बच्छराज व्यास को उन्होंने गुरुदक्षिणा स्वरूप वचन दिया कि जरुरत मंद, गरीबों को न्यायिक सहायता वे निःशुल्क देंगे और उसे उन्होंने पूरे भाव के साथ निभाया वकालत के दौरान देशभर के अनेक न्यायालय  मुंबई उच्च न्यायलय व ,सर्वोच्च न्यायलय में भी पैरवी करने का अवसर मिला .

कार्यकुशल पारिवारिक नेतृत्व

वर्त्तमान में अधिवक्ता . महेशचंद्र गुप्ता ८३ वर्ष की दीर्घायु पर भी अपने पुत्र अधिवक्ता शरद गुप्ता, पौत्र अधिवक्ता  रोमल गुप्ता, छोटे भाई अधिवक्ता राजेंद्र गुप्ता, भतीजे अधिवक्ता पंकज गुप्ता के साथ कंधे से कंधा मिलाकर वकालत कर रहे है .उनकी प्रथम पुत्री श्रीमती सिंधु गुप्ता ओमर उमर वैश्य महिला परिषद् की अध्यक्ष रही.गत ५५ वर्ष से वकालत कर रहे अधिवक्ता . महेशचंद्र गुप्ता का मानना है की मेहनत, लगन , कार्यकुशलता की अनोखी मिसाल उन्होंने गोलवलकर गुरूजी, स्व. पं. बच्छराज व्यास, बालासाहेब देवरस, पूर्व प्रधानमंत्री अटलबिहारी जैसे महापुरुषों से ली है .

परिवार स्व. श्री नारायण गुप्ता, पुत्र अधिवक्ता . शरद गुप्ता, पौत्र अधिवक्ता . रोमल गुप्ता, छोटे भाई अधिवक्ता . राजेंद्र गुप्ता, भतीजे अधिवक्ता पंकज गुप्ता
जन्म तिथि 11/06/1936
जन्मस्थल कामठी (नागपुर )
जिला नागपुर
शहर नागपुर
शैक्षिक विस्तार बी.कॉम. एल. एल. बी.
स्कूल शासकीय पाठशाला कामठी (नागपुर)-१ ली से ४ थी तक १९४४ लोहिया हाई स्कूल कामठी (नागपुर) - वर्ष १९४८ में हाईस्कूल तक
कॉलेज इंटर की पढाई डि बी कॉलेज कानपूर से वर्ष १९५६ तक G.S. कॉमर्स कॉलेज नागपुर से १९५८ में बी. कॉम LLB लॉ कॉलेज Gov. Law college नागपुर से वर्ष १९६० में पूर्ण की वर्ष १९६१ में बार कॉउन्सिल की परीक्षा उत्तीर्ण की
बिज़नेस / प्रोफेशन अधिवक्ता
विवाह तिथि १० जुलाई १९५६
श्रीमान / श्रीमती श्रीमती सरला गुप्ता
पुरस्कार / उपलब्धियां

•    १९६२-१९७३ तक पं. बच्छराज व्यास के साथ सहयोगी के रूप में वकालत 
•    १९८२-Director General supply and disposal export के लिए west zone mumbai में प्रमोशन का कार्य 
•    १९८४- नाग विदर्भ चेंबर ऑफ़ कॉमर्स की तरफ से चुंगी की दरों के लिए संघर्ष 
•    १९८५- फिक्की (FICCI) नई दिल्ली की टैक्सेशन सब कमेटी में कार्य 
•    १९९१- DBA के आर्थिक परिस्थिति को घाटे से फायदे में लाए 
•    १९९३- Institute of horticulture में आम के एक्सपोर्ट के लिए नयी प्रजाति बनवाई 
•    १९८५-  नाग विदर्भ चेंबर ऑफ़ कॉमर्स के सचिव 
•    २००६- मानवाधिकार विभाग महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष के रूप में सोलापुर,पनवेल,डोंबीवली, कल्याण, तथा संपूर्ण महाराष्ट्र में दौरा  
•    श्रीमती प्रभाराव महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष के कार्यालय के वर्ष २००६-२००९ तक मानवाधिकार विभाग में कार्य 

वर्ग प्रोफेशनल
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