Majid Parekh / माजिद पारेख


"मतभेद" हों अनेक फिर भी हों "मनभेद", क्योंकि जमीं पर जो हुआ पैदा,उसका मालिक तो है एक .
-माजिद पारेख

माजिद पारेख का शुमार विदर्भ की सन्मानित शख्शियत में है ,जिन्होने अनेक देशो ,संस्थानों में अमन और चैन का पैगाम बेहद संजीदगी से रखा है।पद्मभूषण मौलाना अब्दुल करीम पारेख के सबसे छोटे पुत्र माजिद पारेख ने पिता की विरासत को कायम रखते हुए अनेक राष्ट्रीय,अंतरराष्ट्रीय मंचो को साझा किया।लेखक,अनेक भाषाओ का ज्ञान,धाराप्रवाह प्रखर वक्ता,माजिद पारेख अंधविश्वासों,चरमपंथ,हिंसा से दूर मानवता का संदेश देने वाले धार्मिक विचारक है।  

गर इरादे नेक हो तो रास्ते भी मिलते हैं अनेकमतभेद हों अनेक फिर भी हों मनभेद, क्योंकि जमीं पर जो हुआ पैदा, उसका मालिक तो एक ही है, चाहे वह ईश्वर हो, खुदा हो, ईशु हो या फिर एक ओमकार हो। माजिद पारेख का नाम ऐसे ही विचारकों की सूची में से एक है, जो कहते हैं कि विश्व के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश भारत में हर व्यक्ति को अपने धर्म से ऊपर उठकर मानवतावादी दृष्टिकोण अपनाना चाहिए। माजिद पारेख कहते हैं कि सभी इंसानों को रहम, मनोहरता, कृपा, दया और करुणा के चश्मे से देखा जाना चाहिए, ऐसा करने से ही दुनिया में शांति और आनंद का वातावरण स्थापित होगा। संसार के मालिक को इंसान से इस दुनिया में एक बेहतरीन किरदार चाहिए, जिसमें इंसान का इमान एक अकेले मालिक के लिए बिल्कुल खालिस तथा शुद्ध हो और इंसान यह सोचे कि यह दुनिया स्थायी नहीं अपितु खत्म होने वाली है। जीवन भी हमेशा का नहीं, वह भी एक एक दिन समाप्त हो जाएगा। इंसान अपनी मौत को याद करते हुए जीवन गुजारेगा तो उसके दिल में दुनिया की रंगीनियों की इमारत धराशायी हो जाएगी. अपने मालिक की दी हुई सलाहियतों और क्षमताओं को इंसानियत के फायदे और लाभ के लिए इस्तेमाल करे

मानवतावादी राह अपनाने की नसीहत

मजहबी ढोंग से दूर मानवता को महत्व देना बहुत जरूरी है। पहले मानवता, फिर धर्म, अगर इस बात को ध्यान में रखकर सभी लोग अपना जीवन-यापन करने लगें तो हर ओर शांति, अमन चैन बना रहेगा। सर्वधर्मसम्भाव के वाहक देश भारत में हर धर्म का अपना अपना महत्व है, जो बात हिंदुओं के पवित्र धर्मग्रंथ वेद में कही गई है, वहीं बातें मुस्लमानों के धर्मग्रंथ पवित्र कुरानशरीफ में भी कही गई हैं, इसलिए सभी को एक साथ मिलकर रहना चाहिए। मौलाना अब्दुल करीम पारेख ट्रस्ट के अध्यक्ष माजिद पारेख मानते हैं कि इस धरती पर हर चीज इंसान की सेवा कर रही है, इसलिए हर इंसान को एक दूसरे की सेवा करनी चाहिए।  

जिसने जन्म दिया, वही दे रहा जीने का साधन 
देश-विदेश में सांप्रदायिक सद्भाव पर अनेक व्याख्यान दे चुके मजीद पारेख का कहना है कि कुरानशरीफ के अनुसार सूर्य की ऊर्जा, चांद की चांदनी, हवाएं, बादल, वर्षा, समुद्र, नदियां, पहाड, धरती, धरती पर उगने वाली फसलें, फल, सब्जियां ये सभी उसी मालिक ने हमें दी हैं, जिसने हमें जन्म दिया है, उसने ही हमें जीवित रहने के साधन भी उपलब्ध कराए हैं।मजीद पारेख कहते हैं कि भौतिकता और लालच की प्रवृत्ति ही सभी समस्याओ का मूल है और इंसान उस समय तक संतोष नहीं पा सकता , जब तक अपनी मौत से न मिल ले। 

"मौलाना अब्दुल करीम पारेख व्यख्यान माला"

२००८ से प्रतिवर्ष "मौलाना अब्दुल करीम पारेख व्यख्यान माला" का आयोजन राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज विश्वविद्यालय नागपुर  में सतत किया जा रहा है ,जिसमे आर.एस.एस. प्रमुख के सुदर्शन, तत्कालीन राजयसभा उपाध्यक्ष के. रहमान,विश्व प्रसिद्ध पत्रकार कुलदीप नय्यर , फिल्म एक्टर टॉम आल्टर,तत्कालीन चुनाव आयुक्त S.Y.कुरैशी, मो आजाद उर्दू विश्वविद्यालय वाईस चांसलर असलम परवेज इत्यादि अनेक हस्तियों बुद्धिजीवियो ने शिरकत की

विभिन्न मंचो से मानवतावादी धर्म की वकालत

माजिद पारेख ने  सर्वधर्मसम्भाव के सन्देश के साथ ईरान ,शारजहां , दुबई इत्यादि देशो में विभिन्न मंचो पर पुरजोर तरीके से मानवतावादी धर्म की वकालत की भारतवर्ष के भी अनेक शहरो में भी  वे  विभिन्न मंचो से या बात उठाते रहते है ,२०१५ में नासिक पुलिस एकेडमी  ,२००५ में नागपुर पुलिस एकेडमी,२००८ में औरंगबाद पुलिस एकेडमी,यूनाइटेड  नेशंस  ह्यूमन  राइट्स  कौंसिल ,MIT कॉलेज पुणे ,  में भी माजिद पारेख को प्रमुख अथिति के रूप में आमंत्रित किया गया 

पद्मभूषण मौलाना अब्दुल करीम पारेख

पिताजी पद्मभूषण मौलाना अब्दुल करीम पारेख का जन्म १५ अप्रैल १९२८ कंसेवी ग्राम,अकोला महाराष्ट्र ,में हुआ ,मौलाना अब्दुल करीम पारेख को सन २००१ में भारत सरकार ने समाज सेवा क्षेत्र में पद्मभूषण से सम्मानित किया था। उन्हें उर्दू भाषा में कुरान शरीफ के अनुवाद के लिए जाना जाता है वे ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के संस्थापक कोषाध्यक्ष थे , अमेरिकी फेडरेशन ऑफ मुस्लिम से प्राइड ऑफ इंडिया सम्मान प्राप्त करने वाले मौलाना अब्दुल करीम पारेख ने  ११  सितंबर २००७  को ७९  वर्ष की आयु में  अंतिम साँस  "O GOD, MAKE EASY FOR US THE PROCESS OF DEATH" इस प्रार्थना के साथ ली । शांति और सामंजस्यपूर्ण सह-अस्तित्व ,मानवता के लिए उनकी सेवाएं उनकी  जीवन रेखा, परिचय था मौलाना पारेख उदात्तता आदर्शों ,सरल शिष्टाचार और पवित्र चरित्र के लिए हमेशा याद किये जायेगे ।पवित्र कुरान का सरल अनुवाद करके उसे जनसाधारण के लिए पांच भाषाओं में उपलब्ध कराने वाले मौलाना अब्दुल करीम पारेख ने मानवता, अमन, शांति, भाईचारा, महिलाओं के अधिकार, सामाजिक बुराइयां और उसके समाधान हेतु अनेक कार्य किये ।पद्मभूषण मौलाना अब्दुल करीम पारेख के कार्यो की विस्तृत जानकारी http://www.abdulkarimparekh.com/  पर उपलभ्द है । 

परिवार माता -श्रीमती अमीना बेगम : पिताश्री -अब्दुल करीम पारेख : पत्नी- नसीम :बेटी- आमेरा : भाई - 1.अब्दुल गफूर पारेख 2. अब्दुल रऊफ पारेख 3. अब्दुल कयूम पारेख
जन्म तिथि 24/03/1965
जन्मस्थल नागपुर
जिला नागपुर
शहर नागपुर
शैक्षिक विस्तार ग्रेजुएट इन कॉमर्स भाषा ज्ञान : इंग्लिश,उर्दू ,हिंदी,अरबिक,मराठी,गुजराती
स्कूल विशप कार्वेंट
बिज़नेस / प्रोफेशन टिम्बर इंडस्ट्री - स्टील ट्रेड ,पारेख ग्रुप ऑफ़ कम्पनीज ,पारेख टिम्बर सप्लाई कंपनी,अमीना टिम्बर्स, मजीद ट्रेडर्स , पारेख इंफोकॉम, सागर इंटरप्राइजेज, पारेख कम्युनिकेशन , पारेख गैजेट्स प्राइवेट लिमिटेड , पारेख पब्लिकेशन्स
श्रीमान / श्रीमती श्रीमती नसीम
पुरस्कार / उपलब्धियां
  • स्पेशल अवार्ड गवर्नमेंट ऑफ़ महाराष्ट्र (उर्दू  अकादमी ) २०१४  
  • चेयरमैन : मौलाना अब्दुल करीम पारेख चैरिटेबल ट्रस्ट नागपुर चेयरमैन: इंस्टिट्यूट फॉर प्रमोटिंग इंटरनेशनल लैंग्वेजेज नागपुर
  • चेयरमैन:  ह्यूमैनिटी चैरिटेबल ट्रस्ट नागपुर रीजनल सेक्रेटरी : सोसाइटी फॉर कम्युनल हारमनी नई दिल्ली
  • एडवाइजरी बोर्ड मेंबर : इंडिया पीस सेंटर (NCCI) नागपुर
  • मेंबर : कम्युनल हारमनी समिति राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज नागपुर यूनिवर्सिटी
  • मेंबर : सेंट्रल इंडिया इंस्टिट्यूट ऑफ़ मेडिकल साइंसेज नागपुर

Links:

http://www.explore-quran.com

http://www.explore-quran.com/Profile/A.M.P..htm

https://books.google.co.in/books/about/Quran_Translators.html?id=LTzjnQEACAAJ&redir_esc=y

http://www.aajkiadalat.in/pdf/24september_3.pdf

वर्ग धार्मिक
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